मां तूं घणी महान
दुनिया दिखाई म्हानै
माणस बणाया म्हानै
गीलै में खुद तूं सोई
सूकै सुयाया म्हानै
जग में बणाई स्यान
मां तूं घणी महान।।
तेरी थां न कोई लेवै
भगवान भी है छोटौ
तेरौ हाथ म्हारै सिर पर
कियां पड़ैगौ टोटौ
जीवण दियौ तूं दान
मां तूं घणी महान।।
चरणां में तेरै अरपित
जीवण सदा मैं करस्यूं
करजाऊ सदांई रै'स्यूं
करजौ कियां मैं भरस्यूं
दिन-रात तेरौ ध्यान
मां तूं घणी महान।।
-दीनदयाल शर्मा,
बाल साहित्यकार,
हनुमानगढ़, राजस्थान
मोबाइल : 09414514666