Sunday, June 19, 2011

गा / दीनदयाल शर्मा


गा / दीनदयाल शर्मा

पीण नै
दूध-छा
खाण नै
दही - घी- मक्खण
बाळन-लीपण नै
गोबर
अर खेत सारू
खात देवै ।

मिनख
इण रा
हाड-चाम भी
काम लेवै ।

मिनखां सारू
आपरौ
आ' कण-कण
अरपित करद्यै
आ' गा है
कै
आ' मा है ।