Tuesday, August 10, 2010

दीनदयाल शर्मा / डुक - 4, 5, 6


डुक - 4

डुक है मेरो निन्हो सो,
अर च्यार लेण रो आगियो,
सूत्या हो तो भाया आनै,
पढण खातर जागियो.

डुक -5

धरम है मेरो मिनखपणों,
अर भासा राजस्थानी,
डुक लिख्या है थारै खातर,
डुक मेरी निसानी.

डुक -6

देखो आपरी ड्युटी नै,
कियां करै बै कैस,
मैडम बणावै स्वेटरां,
अर टीचर खेलै चैस.

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