Wednesday, July 14, 2010

दीनदयाल शर्मा की हास्य कविता / मिस बिल्ली


मिस बिल्ली / दीनदयाल शर्मा

तीस चाळीस ऊंदरा

पिकनिक मनावै हा

कीं' गरम चा' पीवै हा

अर कीं'

ठण्डी घूंट

लगावै हा।

आपरी मस्ती में

नाचै हा

गावै हा।


पण चाणचकैई

दीखगी

बा'नै अेक बिल्ली

कीं' तो होया बेहोस

अर कइयां री

पैंट गिल्ली।


अर अेक ऊंदरो

जको सफा कुंवारो हो

देखण में घणौई

फूटरो हो

प्यारो


बौ' देसी दारू रै

नसै में

बै' ग्यौ

अर

बिल्ली रै

कन्नै जा'र

खड़्यौ रै'ग्यौ।


फेर बिल्ली रै

सा'मै आ'र

डाई आंख

मार'र

फ्लाईंग किस

फेंकतो बोल्यौ

राफां कर'र ढीली


कै

आई लव यू

मिस बिल्ली।


मिस सुणताईं

बिल्ली फूलगी

अर

बा'

ऊंदरै नै

खावणोई भूलगी।

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